Safety Precaution 5 S Concept

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Safety Precaution 5 S Concept

परिचय (Introduction )

वर्तमान युग मशीन का टग है। पहिये के रूप में औद्योगीक क्रांति प्रारम्भ हो कर सेमी – आटोमाइजेशन ,आटोमाइजेशन तथा अब कम्पूटराइजेशन  के युग तक आ पहुंचा है। औधोगिक संस्थानो में अनेक प्रकार के व्यवसायिक कार्य होते है। इन  कार्यो को करने हेतु कुशल मानव श्रम की आवश्यकताहोती है। कुशल मानव -श्रम ही मशीनो का यथोचित संचालन करने में सक्षम होते है। 

5 ‘ S ‘ संकल्पना (5 ‘S ‘ Concept )

5 ‘S ‘ एक प्रणाली है, जो एक व्यवस्थित कार्य – प्रक्रिया को कायम रखने हेतु अपव्यय को कम करती है एवं उत्पादकता को बढ़ती है एवं दृश्य संकेतो का उपयोग क्र और अधिक तर्कसंकट परिचालक परिणाम प्राप्त करने में अपना योगदान देती है इस विधि को लागू कर कार्य -प्रणाली को अपनी वर्तमान स्थिति से वयवस्थित किया जाता है एवं आमतौर पर यह विधि किसी भी संगठन द्वारा लागु होने वाली प्रथम विधि है। 

5 ‘S ‘   संकल्पना के आधारभूत स्तम्भ (Basic pillars of the 5 ‘S’ concept) 

Sort, set in Order, Shine, Standardize, Sustain 

Safety Precaution 5 S  Concept
Safety Precaution 5 S Concept

दिए गए चित्र में यह स्पस्ट होता है की चक्रीय प्रक्रम होता है जो एक सतत विकासः  की प्रक्रिया को जन्म देता है। 

Sort

1 – यह 5 ‘S ‘ का प्रथम S  है। 

2 – यह उन अनावश्यक मदो को कार्य – प्रणाली से अलग करता है, जो वर्तमान उत्पादन की दृष्टि से आवश्य्क नहीं है। 

3 – यह एक प्रभावी दृश्य विधि है, जो प्रत्येक मद की आवश्य्कता  का मूल्यांकन करती है। 

4 – इसे रेड टैगिंग के नाम से जाना जाता है। 

 Set in Order 

1 – यह विधि दक्ष एवं प्रभावी संग्रह विधियो को उतपन्न करने के प्रति केंद्रित होती है। 

2 – यह विधि सभी मदो को उचित रूप में व्यवस्थित करती है  ताकि सरलता के साथ उनकी लेबलिंग की जा सके। 

3 – यह विधि तभी कामयाब हो सकती है, जब 5 ‘S ‘ के प्रथम स्तम्भ सार्ट  के द्वारा अनावश्यक मद कार्यक्षेत्र से अलग कर लिए गए हो। 

4 – सतहों को रगना, लेबल स्थापित करना, कार्य – क्षेत्र एवं स्थानों की रुपरेखा तैयार करना आदि सेट इन  आर्डर विधि के अंतर्गत आते है। 

  Shine

1 – यह विधि कार्य क्षेत्र एवं सभी मशीने के स्वच्छीकरण विधि से सम्बन्धित है। 

२ – स्वच्छ वातावरण में कार्य करने से कार्यकर्मी किसी यंत्र में हुई खराबी को आसानी से देख एवं समझकर उसका निवारण क्र सकते है। 

3 – संगठन प्रायः साइन स्तम्भ को प्रारम्भ करने से पहले साइन लक्ष्य, असाइमेंट, विधियों एवं उपकरणों आदि को स्थापित करते है। 

Standardize 

1 – 5 ‘S ‘ के सभी तीनो स्तम्भों को लागु करने के बाद, अगला स्तम्भ स्टैन्ड्राइराइज है, जिसके अंतर्गत कार्य – क्षेत्र  सर्वोत्तम  मानकीकरण किया जाता है। 

2 – इस विधि के अंतर्गत तीन चरण शामिल होते है :-

(a)   5 ‘S ‘ (सॉर्ट, सेट इन ऑर्डर, शाइन ) की कार्य जिम्मेदारी प्रदान करता है। 

(b)   5 ‘S ‘ कार्यो को एक नियमित कार्यो के रूप में समाकलित करना। 

(c)   5 ‘S ‘ को कायम रखने के लिए नियमित जांच करना। 

 5 ‘S ‘ प्रक्रियाओ के मानकीकरण के लिए कुछ आवश्यक उपकरण होते है, जो निम्नलिखित है :-

(1)  कार्य चक्र चार्ट (Work cycle chart)

(2)  द्रश्य संकेत (visual signal)

(3)  समयबंधन (Time bound)

(4)  चेक लिस्ट (Check List)

Sustain 

1 – यह सबसे कठिन ‘S ‘ होता है, जिसका उदेश्य है –उचित रूप से सही विधियो एवं प्रक्रियाओ को कायम रखना। 

2 – यह विधि नई वर्तमान स्थिति एवं संगठन के कार्य – क्षेत्र मानक को परिभासित करने के प्रति केंद्रित होती है।

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