ITI Electrician Theory Important Question and Answer’s

ITI Electrician Theory Important Question and Answer’s

Q1- बायसिंग (Biasing) क्या होता है?
उत्तर- ट्रांजिस्टर के टर्मिनलों को बाहरी स्त्रोतों से संयोजित करने की प्रक्रिया बायसिंग कहलाती है इसकी इनपुट एवं आउटपुट बायसिंग के आधार पर ही ट्रांजिस्टर का प्रचालन निर्भर करता है N-P-N एवं P-N-P ट्रांजिस्टर की बायसिंग को निचे क्रमवार समझाया गया है.

Q2- पावर एम्पलीफायर (Power Amplifier) क्या है?
उत्तर- पब्लिक एड्रेसिंग एंपलीफायर रिसीवर ट्रांसलेटर आदि उपकरणों में एक पावर एंपलीफायर स्टेज अथवा आउटपुट स्टेज इस्तेमाल करना आवश्यक होता है जिसकी धारा वहन क्षमता काफी अधिक होती है पावर एंपलीफायर सर्किटस समांतर पशु-पुल एवं कॉन्प्लिमेंन्ट्री सिमेंट्री प्रकार के होते है.

Q3- वेव शेपिंग परिपथ (Wave Shaping Circuit) क्या है?
उत्तर- वेवशेपिंग वस्तुतः सिग्नल प्रोसेसिंग का एक भाग है जिसमें सिग्नल वेवफार्म को प्रवर्धन से पहले आवश्यक वांछित आकृति प्रदान की जाती है इस प्रक्रिया के माध्यम से कुछ नेटवर्कों का इस्तेमाल करके पुरानी वेवफार्म को नयी वेवफार्म में परिवर्तित किया जाता है वेवशेपिंग का यदि विस्तृत विवेचन करें तो पाएंगे कि यह रेखीय अथवा अरेखीय प्रकार की हो सकती है रेखीय वेवशेपिंग परिपथ में रेखीय अवयवों; R,L एवं C ; का इस्तेमाल किया जाता है जबकि अरेखीय वेवशेपिंग परिपथ में अरेखीय अवयवों डायोड,ट्रांजिस्टर आदि का इस्तेमाल किया जाता है.

Q4- ट्रांजिस्टर (Transistor) क्या होता है?
उत्तर- ट्रांजिस्टर जिन दो शब्दों के सहयोग से मिलकर बना है उसमें से एक शब्द ट्रांस है जिसका अर्थ स्थानांतरण है तथा दूसरा शब्द रेजिस्टेंस है जिसका अर्थ प्रतिरोध है इन दोनों शब्दों का अर्थ होता है प्रतिरोध का स्थानांतरण ट्रांजिस्टर में तीन इलेक्ट्रोड होते हैं प्रथम इलेक्ट्रोड का उत्सर्जक या एमीटर दूसरे को बेस तथा तीसरे को संग्राहक या कलेक्टर कहते हैं.

Q5- क्लेम्पिंग परिपथ (Clamping Circuit) क्या है?
उत्तर- क्लैम्पिंग परिपथ एक ऐसा डी.सी. परिपथ है जो किसी तरंग रूप के वोल्टेज स्तर को वांछित स्तर में परिवर्तित कर देता है सामान्य भाषा में इस परिपथ के द्वारा इनपुट सिग्नल के डी.सी. अवयव को जोड़ा अथवा घटाया जाता है इसे डी.सी. रिस्टोर एवं लेवल शिफ्टर भी कहते हैं आउटपुट पर प्राप्त सिग्नल के स्तर के आधार पर क्लैम्पिंग परिपथ को धनात्मक एवं ऋणआत्मक प्रकारों में बांटा गया.

Q6- रेडियो फ्रीक्वेंसी एंपलीफायर (Radio Frequency Amplifier) क्या होता है?

उत्तर- इस प्रकार के एंपलीफायर 20 किलो हट्र्ज से 3 X10/6 हट्र्ज या 3 मेगा हट्र्ज के मध्य के सिग्नल को एंपलीफाई करने के काम आते हैं इनका इस्तेमाल ट्रांसमीटर तथा सर्विस आसिलेटर में किया जाता है

Q7- मल्टीवाइब्रेटर (Multi-vibrator) क्या है?
उत्तर- मल्टीवाइब्रेटर सर्किट का इस्तेमाल मुख्यतः वर्गाकार वेव उत्पन्न करने के लिए किया जाता है मल्टीवाइब्रेटर सर्किट 3 प्रकार के होते हैं.

Q8- कैस्केड या मल्टी स्टेज एम्पलीफायर (Cascade Or Multistage Amplifier) क्या है?
उत्तर- दो या दो से अधिक स्टेज वाला ऐसा एंपलीफायर सर्किट जिसमें केवल R-C कपलिंग इस्तेमाल की गई हो कैस्केड एम्पलीफायर या मल्टीस्टेज एम्पलीफायर कहलाता है इसका फ्रीक्वेंसी रेस्पोस ऑफ फ्रीक्वेंसी पर भी उत्तम होता है.

Q9- प्रेरक फिल्टर सर्किट (Inductor Filter Circuit) क्या होता है?
उत्तर- इस सर्किट में आउटपुट की और एक इंडक्टर लोड प्रतिरोधक RL के श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है.एक इंडक्शन क्वॉयल को लोड प्रतिरोधक की श्रेणी में जोड़कर आउटपुट रेक्टिफाइड धारा के स्पन्दन को कम किया जाता है.

Q10- मोनो स्टेबल मल्टीवाइब्रेटर (MonoStable MultiVibrator) क्या है?
उत्तर- मोनोस्टेबल मल्टीवाइब्रेटर के केवल एक ही स्टेबल दशा होती है इसे स्टेबल दशा से ऑपरेट होने की दशा में लाने के लिए ट्रिगर-प्लस की आवश्यकता होती है ट्रिगर प्लस के बाद यह एक निश्चित समय तक ऑपरेट रहने के बाद यह पुन: स्टेबल दशा में पहुंच जाता है इस सर्किट में दो में से एक ट्रांजिस्टर को ऑन स्थिति में रखकर ट्रिगर प्लस दिया जाता है जिसके कारण प्रचालन की दशा बदलने लगती है इस परिवर्तन के कारण और ऑसिलेशन बनाने प्रारंभ हो जाते हैं तथा एक निश्चित समय के बाद सर्किट पुन: स्टेबल अवस्था में पहुंच जाता है इस सर्किट का इस्तेमाल कंप्यूटर्स में किया जाता है.

Q11- संक्रियात्मक प्रवर्धक (Operational Amplifier) क्या है?
उत्तर- संक्रियात्मक प्रवर्धक (Operational Amplifier) मूलतः एक मल्टीस्टेज अति उच्च लाभयुक्त एवं प्रत्यक्ष कपल्ड ऋणआत्मक फीडबैक प्रबंर्धक होता है जो कि एक स्थिर वोल्टेज लाभ प्रदान करने के लिए वोल्टेज शंट फीडबैक का इस्तेमाल करता है ऑपरेशनल एंपलीफायर को व्यवहारिक भाषा में Op-Amp के नाम से जाना जाता है एक ऑपरेशनल एंपलीफायर की इनपुट प्रतिबाधा उच्च होती है तथा आउटपुट प्रतिबाधा निम्न होती है जिसके फलस्वरुप यह 0 Hz से 1 MHz तक की आवृत्ति वाले सिग्नलों को प्रतिर्धित कर सकता है इसके द्वारा ए.सी. एंव डी.सी. दोनों प्रकार के सिग्नलों को प्रतिर्धित किया जाना संभव होता है Op-Amp एक रेखीय IC होती है जिसको मुख्य रूप से गणितीय संक्रियाओं को संपन्न कराने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

Q12- श्रेणी C एंपलीफायर (Class C Amplifier) क्या होता है?
उत्तर- वह एंपलीफायर जिसमें सिग्नल वोल्टेज इस प्रकार समायोजित किए गए हो कि इनपुट सिग्नल के आधे से कम समय के लिए धारा प्रवाहित होती हो वह वर्ग सी एंपलीफायर कहलाता है इस एंपलीफायर की फाइडेलिटी न्यूनतम डिस्टॉर्शन अधिकतम तथा आउटपुट पावर अधिकतम होती है इसकी दक्षता 70-75% तक होती है इससे ट्रांसमीटर में RF एंपलीफायर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है

Q13- ऑडियो फ्रीक्वेंसी एंपलीफायर (A.F.Amplifier) क्या होता है?
उत्तर- इस प्रकार के एंपलीफायर्स ऑडियो फ्रीक्वेंसी के सिंग्नल को बिना किसी विरूपण के एंपलीफाई करने के लिए या पावर एंपलीफायर के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं इनका इस्तेमाल पब्लिक एड्रेसिंग एंपलीफायर,रेडियो तथा टी.वी. रिसीवर की साउंड आउटपुट स्टेज आदि में किया जाता है.

Q14- श्रेणी A एंपलीफायर (Class A Amplifier) क्या होता है?
उत्तर- वह एंपलीफायर जिसमें सिग्नल वोल्टेज इस प्रकार समायोजित किया जाता है कि इनपुट सिग्नल के पूरे समय के लिए कलेक्टर धारा प्रवाहित होती रहे श्रेणी ‘A, एंपलीफायर कहलाता है इस एंपलीफायर की फाइडेलिटी की सर्वोत्तम डिस्टॉर्शन न्यूनतम तथा आउटपुट पावर कम होती है इसकी दक्षता 20%-35% तक होती है श्रेणी A वर्ग के एंपलीफायर्स को प्री-एम्प्लीफायर तथा AF एंपलीफायर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है

Q15- श्रेणी AB एंपलीफायर (Class AB Amplifier) क्या होता है?
उत्तर- वह एंपलीफायर जिसमें सिग्नल वोल्टेज इस प्रकार समायोजित किया जाता है कि इनपुट सिग्नल के आधे से अधिक परंतु पूरे कम समय के लिए कलेक्टर धारा प्रवाहित होती हो वर्ग AB एंपलीफायर कहलाता है इस प्रकार के एंपलीफायर निम्न सिग्नल स्तर पर स्वत ही वर्ग ए की भांति कार्य करने वाले हैं इस एंपलीफायर की फाइडेलिटी एवं आउटपुट पावर श्रेणी A तथा B के मध्य होती है इसमें निम्न सिग्नल स्तर पर कोई डिस्टॉर्शन नहीं होता है तथा दक्षता 35-50% होती है

Q16- वीडियो एंपलीफायर (Video Amplifier) क्या होता है?
उत्तर- वह एंपलीफायर जो की लगभग 4 से 7 मेगा हट्र्ज चौड़े बैंड का एप्लीफिकेशन करता है वीडियो एंपलीफायर कहलाता है इसे पल्स या वाइड एंपलीफायर भी कहते हैं

Q17- आर.सी.कपल्ड (R.C.Coupled Amplifier) एम्पलीफायर क्या है?
उत्तर- इस प्रकार के एंपलीफायर में प्रतिरोधक का इस्तेमाल कलेक्टर सर्किट में लोड प्रतिरोधक के रूप में किया जाता है तथा एक स्टेज के आउटपुट सिग्नल को दूसरी स्टेज के इनपुट में पहुंचाने के लिए के कैपेसिटर का इस्तेमाल किया जाता है इस प्रकार के एंपलीफायर की फाइडेंलिटी व इंपीडैन्स ट्रांसफार्मर कपल्ड की अपेक्षा अच्छी होती है अंत:इसका इस्तेमाल व्यापक रूप में किया जाता है.

Q18- बाई स्टेबल मल्टीवाइब्रेटर (Bistable MultiVibrator) क्या है?
उत्तर- बाइस्टेबल मल्टीवाइब्रेटर को फ्लिप-फ्लॉप परिपथ के नाम से भी जाना जाता है इसमें दो आउटपुट सिग्नल प्राप्त होते हैं जो कि हमेशा एक-दूसरे के विपरीत होते हैं अंत: एक आउटपुट उच्च (1)होने पर दूसरे आउटपुट निम्न (2) हो जाती है इसके परिपथ में दो ट्रांजिस्टर (T1एवं T2) का इस्तेमाल किया जाता है इसमें जब ट्रांजिस्टर (T1) ऑन होता है तब ट्रांजिस्टर (T2) ऑफ होता है अथवा इससे विपरीत स्थिति होती है.बाइस्टेबल परिपथ में दो स्थिर अवस्थाएं होने के कारण ही इसे बाइस्टेबल मल्टीवाइब्रेटर कहते हैं इसका इस्तेमाल क्रमिक डिजिटल परिपथों में मैमोरी सैल अथवा रजिस्टर की भांति करते हैं यह एक बाइनरी बिट को स्टोर करने की क्षमता रखता है

Q19- क्लिपिंग परिपथ (Clipping Circuit) क्या है?
उत्तर- क्लिपर या लिमीटर परिपथ का कार्य ए.सी. तरंग रूप के धनात्मक या ऋणआत्मक उच्च आयाम के निश्चित अवांछित भाग को पृथक करना है यह श्रेणी एवं शंट प्रकार के होते हैं जोकि डायोड को परिपथ में लगाए जाने की स्थिति पर निर्भर करते हैं.

Q20- Π टाइप फिल्टर सर्किट (Π Type Filter Circuit) क्या होता है?
उत्तर- यदि दो कैपेसिटर के मध्य एक इंडक्टर जोड़कर फिल्टर सर्किट का निर्माण किया जाए तब इस प्रकार के सर्किट को Π टाइप फिल्टर सर्किट कहते हैं.

Q21- वोल्टेज एंपलीफायर (Voltage Amplifier) क्या है?
उत्तर- वह सर्किट जिसके द्वारा कमजोर इनपुट सिग्नल की वोल्टेज उसकी आउटपुट पर बढ़कर प्राप्त होती हो वोल्टता एंपलीफायर कहलाता है ये एंपलीफायर्स ऑडियो,रेडियो आई एफ तथा वीडियो फ्रीक्वेंसी के लिए इम्पीडैन्स ट्रांसफार्मर अथवा डायरेक्ट कपल्ड प्रकार के होते हैं.

Q22- इम्पीडेन्स कपल्ड एम्पलीफायर (Impedance Coupled Amplifier) क्या है?
उत्तर- इस प्रकार के एंपलीफायर मे कलेक्टर सर्किट में इंडक्टर का इस्तेमाल लोड के रूप में किया जाता है तथा एक स्टेज के आउटपुट सिग्नल को दूसरी स्टेज के इनपुट में पहुंचाने के लिए कैपेसिटर का इस्तेमाल किया जाता है अतः इस एंपलीफायर को एल.सी. कपल्ड एंपलीफायर भी कहते हैं इस एंपलीफायर की फाइडेंलिटी अच्छी नहीं होती है क्योंकि इसका एप्लीफिकेशन सिग्नल की फ्रीक्वेंसी बढ़ने पर बढ़ता है तथा घटने पर घटता है.

Q23- डायरेक्ट कपल्ड एम्पलीफायर(Direct Coupled Amplifier) क्या है?
उत्तर- इस प्रकार के एंपलीफायर में पहले ट्रांजिस्टर को दूसरे ट्रांजिस्टर से सीधे जोड़ दिया जाता है अंतः दूसरे ट्रांजिस्टर के बेस का वोल्टेज पहले ट्रांजिस्टर के कलेक्टर के समान होता है इस एंपलीफायर की फाइडेंलिटी Hz से MHz के फ्रीक्वेंसी रेंज में सबसे अच्छी होती है इसका इस्तेमाल टी.वी. रिसीवर में वीडियो एंपलीफायर के रूप में किया जाता है.

Q24- P-N-P ट्रांजिस्टर की बायसिंग (P-N-P Biasing Transistor) क्या है?
उत्तर- P-N-P ट्रांजिस्टर के फॉरवर्ड बायसिंग सर्किट में एमिटर को बैटरी के पॉजिटिव सिरे से तथा कलेक्टर को बैटरी के नेगेटिव सिरे से जोड़ा गया है बेस को कलेक्टर की अपेक्षा काफी कम नेगेटिव पोटेशियम पर रखा जाता है परंतु अधिकांश होल्स को कलेक्टर का प्रबल ऋणआत्मक क्षेत्र अपनी और आकर्षित कर देता है यह एमीटर का पॉजिटिव आवेश होल्स का एमीटर बेस जंक्शन कुछ मात्रा में अपनी और आकर्षित करता है यह एमीटर से चलकर होल्स कलेक्टर पर पहुंच जाता है इस ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल एम्प्लिफिकेशन कार्य के लिए किया जाता है.

Q25- प्रवर्धक (Amplifier) क्या होता है?
उत्तर- ट्रांजिस्टर अथवा आई.सी. से निर्मित ऐसा सर्किट,जो किसी सिग्नल की शक्ति को बढ़ा देता है प्रवर्धक या एंपलीफायर कहलाता है जबकि इसके द्वारा कमजोर सिग्नल के वोल्टेज अथवा पावर बढ़ाने की क्रिया को प्रवर्धन या एम्प्लिफिकेशन कहते हैं एंपलीफायर के आउटपुट तथा इनपुट के अनुपात को उसका प्रवर्धन लाभ कहते हैं किसी अच्छे एंपलीफायर में अनुरूपता स्थायित्व शोर रहित प्रचालन अच्छा फ्रीक्वेंसी रिस्पांस एवं तरंगदैर्ध्य के गुण विद्यमान होने चाहिए.

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Q26- इंटरमीडिएट फ्रीक्वेंसी एंपलीफायर (Intermediate Frequency Amplifier) क्या होता है?
उत्तर- वह एंपलीफायर,जो कि एक निश्चित रेडियो फ्रीक्वेंसी पर सिग्नल एवं एप्लीकेशन करता है इंटरमीडिएट फ्रीक्वेंसी एंपलीफायर कहलाता है.

Q27- दोलित्र (Oscillator) क्या है?
उत्तर- ऑसिलेटर एक इलेक्ट्रॉनिक्स परिपथ है जिसमें उसकी इनपुट पर ए.सी. सिग्नल दिए बिना ही आउटपुट पर इच्छित ए.सी. सिग्नल प्राप्त किया जाता है. ऑसिलेटर के लिए धनात्मक फीडबैक का इस्तेमाल किया जाता है यह आउटपुट पर उत्पन्न वेवफार्म के आधार पर ज्यावक्रीय एवं अज्यावक्रीय के प्रकार के होते हैं.

Q28- N-P-N ट्रांजिस्टर की बायसिंग (N-P-N Biasing Transistor) क्या है?
उत्तर- N-P-N ट्रांजिस्टर के फॉरवर्ड बायसिंग सर्किट में एमीटर को बैटरी के नेगेटिव सिरे से तथा कलेक्टर को बैटरी के पॉजिटिव सिरे से संयोजित किया गया है N-P-N ट्रांजिस्टर सर्किट में धारा/करंट का प्रवाह मुक्त ट्रांजिस्टर इलेक्ट्रॉन्स के द्वारा होता है एमिटर से चलकर कलेक्टर पर पहुंचने वाले मुक्त इलेक्ट्रॉन की संख्या का नियंत्रण बहुत कम मान की बेस बायसिंग द्वारा होता है इस गुण के आधार पर ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल एम्प्लिफिकेशन आदि कार्यो के लिए किया जाता है.

Q29- अस्टेबल अथवा फ्री रनिंग मल्टीवाइब्रेटर (Astable Or Free Running Multivibrator) क्या है?
उत्तर- अस्टेबल मल्टीवाइब्रेटर स्क्वायर वेव उत्पन्न करता है यह दो स्टेज वाला R.C. कपल्ड एंपलीफायर सर्किट है इसमें प्रथम एंपलीफायर स्टेज की आउटपुट को दूसरी स्टेज की इनपुट से कपल्ड किया गया है.जब सिग्नल,प्रथम स्टेज की इनपुट को दिया जाता है तब इसका फेज,प्रथम स्टेज के एंपलीफायर की आउटपुट के विपरीत हो जाता है तथा जब यह दूसरी स्टेज के एंपलीफायर से गुजरता है तब इस सिग्नल का फेज मूल सिग्नल के फेज के समरुप हो जाता है इस प्रकार आउटपुट से प्राप्त सिग्नल को प्रथम ट्रांजिस्टर के वेस को वापस भेजा जाता है जोकि धनात्मक फीडबैक का कार्य करता है फीडबैक की मात्रा इतनी अधिक होती है कि ट्रांजिस्टर संतृप्त तथा कट-ऑफ के मध्य कार्य करता है.

Q30- श्रेणी B एंपलीफायर (Class B Amplifier) क्या होता है?
उत्तर- वह एंपलीफायर जिसमें सिग्नल वोल्टेज इस प्रकार समायोजित किया जाता है कि इनपुट सिग्नल के लगभग आधे समय के लिए ही कलेक्टर धारा प्रवाहित होती हो वह वर्ग भी एंपलीफायर कहलाता है इस एंपलीफायर की फाइडेलिटी कम डिस्टॉर्शन लगभग 50-60% तक तथा आउटपुट पावर अधिक होती है इसकी दक्षता 50% होती है

Q31- L-C फिल्टर सर्किट (L-C Filter Circuit) क्या होता है?
उत्तर- यदि किसी सर्किट में पहले इंडक्टरलोड प्रतिरोधक RL की श्रेणी में तो तथा इसके पश्चात कैपिसिटर लोड के समानांतर क्रम में जोड़ा जाए तब इस प्रकार के फिल्टर सर्किट को L- टाइप या L-C फिल्टर सर्किट कहते हैं.

Q32- संधारित्र फिल्टर सर्किट (Capacitor Filter Circuit) क्या होता है?
उत्तर- इस रेक्टिफायर से प्राप्त आउटपुट में जुड़े प्रतिरोधक RL के समानांतर में जोड़ते हैं इसलिए इसे शंट कैपेसिटर फिल्टर सर्किट भी कहते हैं इस प्रकार प्राप्त डी.सी. आउटपुट में रिपल फैक्टर का मान कम होता है.

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